कुमाऊँ सभा के
उद्देश्य और लक्ष्य
कुमाऊँ सभा चंडीगढ़ का उद्देश्य हमारी संस्कृति को संरक्षित करना और समाज में एकता बढ़ाना है। हम विविध कार्यक्रमों, खेलकूद और त्योहारों के माध्यम से अपनी परंपराओं को जीवंत रखते हैं, जिससे हमारे सदस्य एकजुट और समृद्ध महसूस करते हैं।
उद्देश्य
1. राजनैतिक, साम्प्रदायिक, जाति एवं दलगत भावनाओं से पृथक् रहते हुए एकता, समानता एवं पारस्परिक सद्भा व एवं सहयोग आदि मानवीय गुणों का संवर्द्धन करना।
2. कुमाऊँनी बन्धुओं में बौद्धिक, नैतिक तथा धार्मिक उन्नति हेतु यथासम्भव प्रयास करना।
3. कुमाऊँनी भाषा की प्रगति हेतु कुमाऊँनी में वार्तालाप, स्मारिका आदि का प्रकाशन, सांस्कृतिक एवं लोकोन्मुखी कार्यक्रमों का आयोजन करना।
4. किन्हीं अपरिहार्य कारणों से मूलरूप से किसी कुमाऊँनी के अत्यधिक रोगी होने की अवस्था में, यदि वह सभा के कार्यक्षेत्र में उपचाराधीन हो, तो उसकी आर्थिक सहायता करना।
5. असामाजिक तत्वों से घिरे हुए सदस्य के रक्षण की कोशिश करना। लेकिन सभा उस सदस्य या गैर सदस्य की सहायता नहीं करेगी जो न्यायिक तौर पर चोरी, डकैती अथवा घृणित कार्यों के लिए पकड़ा गया हो या सभा को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष हानि पहुंचाता हो या अपनी सभा/समाज की नीतियों के विरुद्ध कार्य करता हो।
6. चण्डीगढ़ में कुमाऊँ भवन का जीर्णोद्धार, रखरखाव तथा ट्राईसिटी में नये भवन के लिए उचित स्थान हेतु प्रयत्न करना।
7. सभा द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में मेडिकल, रक्तदान, दन्त एवं आँखों के शिविरों आदि का आयोजन करना।
8. शिक्षा, खेल या किसी अन्य क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वाले कुमाऊँनी छात्रों/ छात्राओं/व्यक्तियों को ससम्मान पुरस्कृत करना।
9. सभा द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में पौधारोपण करना।
10. कुमाऊँ के किसी क्षेत्र में आई आपदाओं के समय यथासम्भव सहायता करना।
11. खेल एवं अन्य प्रतियोगिताओं / कार्यक्रमों का आयोजन करना।
12. उपर्युक्त उद्देश्यों की पूर्ति हेतु यथासम्भव प्रयत्न करना तथा कार्यकारणी की बैठक में इस संबंध में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखते रहना।
13. कुमाऊँ मंडल में उत्तराखंड सरकार से समन्वय कर पलायन रोकने एवं कुमाऊँ मंडल के प्रत्येक ग्राम सभा एवं व्यक्ति/युवा स्वरोजगार करने हेतु प्रेरित कर उन्हें, आर्थिक, तकनीकी अन्य सहायता उपलब्ध करवाने एवं अन्य व्यक्तियों/युवकों को भी प्रेरणा मिले।